खुद की चिता जला दी है अब कुछ अरमानो के साथ में।
आखरी मंजिल मिलने तक ग़ालिब अब मैं नहीं मारूंगा||

"कोशिशों की जंग में अगर मैं खो दूं, ये नश्वर शरीर,
तो काली रात के अंधेरों में ही जलाना, मेरी चिता को,
मैं आखरी दम तक अंधेरों में दिए जलाना चाहता हूँ"

||दो अल्फाज कह देता हूँ तुजसे कि अब मैं कुछ कहूँगा नहीं।|
॥गर किा हो इश्क दिल से कभी तो, ख़ामोशी पढ़ लेना मेरी॥

एक दृश्य, टेहरी बाँध के नजदीक

यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई २६१ मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है।

Sunday, December 18, 2011

वो हर वक्त तुझे सोचता है,

वो हर वक्त तुझे सोचता है,
वो हर पल तुझे चाहता है
क्यों नहीं लौट जाता तू पास उसके,
जो सोचता है की तू हर वक्त क्या सोचता है|

वो चाहता है तुम्हे इतना,
जैसे हर प्यासा बरसात चाहता है|
अँधेरे में, किसी बेबस की तरह,
बस तेरा साथ चाहता है|



एक बार सोच ले तू,
वो तुजे  बार बार सोचता है|
तेरे नफरतों के समुंदर में
अश्क-ए-प्यार ढूंढ़ता है|
....................................................to be continued